ऐसा वस्तुएं जिन्हें घोषित माल की श्रेणी में रखा गया है उनकी कर की दर का निर्धारण केन्द्र द्वारा किया जाता है।
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आम बजट में प्रस्तावित क्लियर गुड्स अर्थात घोषित माल की कर दरों का 4 फीसदी करने के प्रस्ताव को लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी मिल गई है।
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इस प्रस्ताव पर अब तक राष्ट्रपति के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण इसे लागू करने का प्रस्ताव राज्यों को भी नहीं मिला है, घोषित माल की सूची में 14 उत्पाद आते हैं।
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ताकि जब बाद में (यदि कभी किसी कर्मचारी के जीवनकाल में हुई तो,) चेकिंग हो तो यह पता चल सके कि उसके पास घोषित माल से ज्यादा कहीं से उड़ कर तो नहीं आ गया है.
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ताकि जब बाद में (यदि कभी किसी कर्मचारी के जीवनकाल में हुई तो,) चेकिंग हो तो यह पता चल सके कि उसके पास घोषित माल से ज्यादा कहीं से उड़ कर तो नहीं आ गया है.
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इस संबंध में जानकारी देते हुए एडवोकेट एवं वेब सलाहकार विवेक सारस्वत ने बतलाया कि लोकसभा में बजट पारित होने के पश्चात् अधिकांश राज्यों में व्यवसायीयों के समक्ष यह अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी कि घोषित माल की कर दरों में वृद्धि हुई है या नहीं इस अनिश्चितता की वजह भी यह थी कि केन्द्र शासन ने राज्यों को यह कहा कि वह अपने-अपने राज्यों में कर वृद्धि का मसौदा तैयार कर सकती है जो वर्तमान दर 4 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी किया जा सकता है।